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सचछरहरष्येति -छनेत्ेरमेदे न पूनोजेनि
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ध सुर्वजगन्डिना स निवास न्द्तानितष नरज मोजेन्दगेतेनिष्वो द्विव हद समर स्मत सप्ते स्वरया सरस्वती ततेस्वलेचरास ती । | ७ चाविन्छ केतव {िचयतरनिरगेव पीन ने वलते नो षने शीति ह दवत प्तप । | ः > णमे 9७ विगेत्तस्िन्कर ्जभे्ते अ सवि तधि टिम), ६ र्मुस्नत्यय भोय पः
क्षत १२ -जशिनःसेविशेन्तिष्तेमे नःप ठन मरि चिता के चभ पणत न १ गचि ५७
स हन्पतानितिपिचित्वा -र्यतेजपिपताम् स्वविक्रमनबिदतिननाकयतिरमरोवलेतन्नाभरस्भो योतिं रमेः गर्बिरपोः ११ विचन्तरुल्रफीनेन्नेति नतैः
~(-0.01165 911 16.5 शिवा | 10/28/1811 0०५ [2151161 | 10181 \/2/81185. [14111260 0४ 62810011
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|| ॥ 11 श्यत निभि निरुप निः टेव सानेचेरे.लाकेकिर्भिविषपमैटयम ५९ अ्तीरल | .
|| विजिक्तिमे श्रारे येनोच्यम् त्यच्येक, सतर्वभ्यरः सर्वश्रव्लदि.ो रर्त्वा, बयेरेत्वदि ¦ वर ५ तिर्. सनर म वेद 2२२ 2 अगतेद्तिन्स्टी
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$ ५५ " भः न ई ~ ७ ् ८ = य न््= कु = ५ भ्कै = ॥ ४ „व कः । (नी च्य नी न्न, 11.17 ©) 1 वनी र्नो त्म, ॥ 3 ५ कुण्ड
¢ च . त्य चचश्वि (- 9९२). ॥ ~ 0 ं न. (3. ौ गोचर = ( ए | | ` ४६ श्कोयनेतोष्दिपटस्िर्रेठश्ने चरस. प येति धके एप्त सल प्रप्येगे व ह्यदि. ५ . | ८ | २१
स्प्कारशासंताक्लोनगन जये मन् पातात 6 नभकततरिनेकञडयशनलव्पाशवं र नजयं त् ॐर् गा ये € क्रद्टि स्चदेततेये
॥ | सर्वत्वन्यततिरे गे रनास्िदत्तियेदे दत वे यैर पठेत निसूममेति 4 9)
स सः येल्यय) शनभ › लट् अय. केव ञस्येणा को क) निमनेपदतेसोर्यदयिनतपरयपवसररपसवनतः नय धगताः
((-0.0411685/ 5111 ॥<.3.781/18। | 10811811 0५७76 [0181161 | 10181 ८2121125]. [21411260 0\ €8100॥1
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किभित्पुपसेदर्तग्य रवेभ्स्त्तेन मेयो वनाहतीज्छ्मद्यास्पारित्तिततजाहविढ्यनिति निकरोति प्रत्न ॥ तक १ € ५
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₹परीनिल द्वार् पशत गख तेम मक्त कालाननी च्ततोनदराधलनरीदषः न 11 दिण्द्र घि
स्नोतति & रयु द. ३६ मरावो पदिन् ष्टे नमेजवएव)ऽनधे तपसा $पानिपेन तषानेहदि . `| गावित्त > म म" रोक दित्यध) चिथ कोरे शस्यते कशो, वागत. छतः उट प् ब्रश ` ` विष्ठ कोबनपष्पोयेदेएती ग्वेआशथिपेवे?नि नहित) रमे मीये मा ३९
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~ . शामित तरधप४तनोर्ग्वशिस्ये प्रेम विद्धः ११ १९ज्रितःसवमाशषीतः९कछा$नानधमाटतः प्रसक्तः
` धीःस्वाजेयोरिदमाविरापतते ५७. दवन तःअवयसेददानीमपरनस्मो प्र पानिरतैस्म् अजाय
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ज्ञे तातेनरते मष्वानेः नश्य न१९(@अतः ९५ 9 सच्िवर्गकितिते-सहदे चन्नभाि तः नते दिह
सने चिनगी ॐ 6पतते 9२ नेट् बाड रहो तेरे बीन मेसेनकापौ हतः श्कोवे वि ष्ठावरेन म, 4.5 नपसि दिनः २६
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सपो ८ तस्िनधानि दर्पस्ते स्तने तेरह शच ॐ मोदे तिदद अनेने म परोजबेशनेधिठेनप
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किस्वत्तरुचद्तरेश्भाया किव मद चे'यत्तदक्निनेदःच्रवेचछरुष्येवम्मार्ङ्गस्ययःकञ्चनोप्मचि 2 ` स्उदरग्यनिान्यत्र तेष्पदे. ०२ग्ब्र०भा दे पर्िरेष मे खत) जञ रवर स 1 ५ समगतिः ® ३ इष्यबिदि ते त्ष्नायोजेष्प्ये ` ` कीयोलईस्वर्ः वे हो बोग्ज्नान्नोमो पुजक्ेहूम्मेःविगुः ४ ॥\ ५. १ ।
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्रहेनकलिलगाप्ठहटधेयस्यः छपर माावलेदिकमा व्येतिचव्यरेददिरसेपठयनिषि निश पितराढरियन्वाक्च बिदतोने प्रा वताश लष्येव्छहततर्मनषितेष|| २
सद्योनष्टश्मेतिी भारत ्र्स्यनकानिसदमासयवाषुा | शतवत शात डषगीदमानमा एहि) $न्पतः मौवी शच ठ 1 देत्नुन्नेय | दये 6 न् पदेयस्पीःस्तेनेह रि तोः
स्वेएनितत सा मि दो फ 9 २ काशवः जत्निगा तादेः स् $ये
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तियाय ११९ति £= तत्रयेषरभे ष्टे त्र नाश्व एर एर्व वदेेश्रत्ति रन व्ट-पिरयत क य गते १५४३१ शि शत्वना धुर हहे नाद्यभिष्प्नहेते + पेयेवस्सतवि विचित्य र्गेवस पी णाधरष्येखेवि विण्येे गने तय एिते बिविन्येत् परे चर
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प प्रोवे आ लेत्तीलोलितेङे से १ पश्या लसत पष्ष्पाभा नोनेलने 7) २8 स गिङ्तवताविष्पर्यः तिवस व नस्वध्ेम्तोः२(-तहनैन्राजि १९ तद्ननिः १ जतो नोचे अनते भ्दति (तिमद सम रम्रप रोः मत न्मनेने ` भरठ्पय स्वे क `
वाल्सेभ्नततो गाञ्गरारचचतोसभ्नि
शयन्डेतगीषे 7 कि स्वे न्नो =. .
ॐरेबनहे ५ तमम न्ोषालि मेर शहेणत्र> धि तानि € च्परेते नेषा
भ मनो दप प्रि नीरम् ५
यत्तेन = < € | यण च स्स्त्वव नडः सत द्ध न द नश =चिकेद्ररयान स्नव त्थ म्दहस्यशरत्य, शिख एणरकोगोरिक || ~ न ध = सतस वाणस्यापरये नाधानाध -गव्यनायेनत्वय् ईज्वरे्पेसवा| . ` पकागेत्तसजन्नद्रतेते प्यानेन्नेति र बेन छत्वे नन्नम ( (+ 4 1 २.९ श
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